कश्मीर समस्या नहीं यह तो गाथा है नेहरु की कमजोरी की और बापू की मजबूरी की
तख्ते सिंहासन नेहरू की जगह सरदार पटेल बैठे होते कश्मीरी समस्याओं को छोड़ो बलूची तिब्बती अफगानी नेपाली भूटानी भी अपने होते
अमर तिरंगा लहराता लाहौर की धरती पर जो सन् 48 को नेहरु युद्ध विराम की घोषणा नहीं करे होते
मैं पूछता हूं जो जरूरत ना थी कश्मीर को धारा 370 देने की
क्या जरूरत आन पड़ी थी मिट्टी को मिट्टी से अलग दिखाने की
समय रहते नेहरू जी तुमने सीमा विवाद सुलझा लिए होते
तो आज सरहदों पर बेटे बेवजह नहीं मर रहे होते
मैं पूछता हूं क्या मिला पंचशील के समझौते से
आज भी चीन आंखें हमारी और तारेरता है इस समझौते से हम को कमजोर और खुद को बलवान समझता है
समय रहते मेकमोहन को अपना सीमा क्षेत्र नेहरु जी आपने बता दिया होता तो अरुणाचल कश्मीर की धरती पर यह चीनी तांडव नहीं होता
हर्ष लाहोटी (कोण्डागाँव-बस्तर)
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